5 Simple Statements About Shodashi Explained

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Neighborhood feasts Perform a substantial job in these situations, wherever devotees appear together to share foods that often contain traditional dishes. Such foods celebrate both of those the spiritual and cultural elements of the Competition, boosting communal harmony.

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं  सौः

For that reason all of the gods requested Kamadeva, the god of love to make Shiva and Parvati get married to one another.

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

They were being also blessings to realize materialistic blessings from various Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he enlightened people Using the Shreechakra and as a way to activate it, one particular needs to chant the Shodashakshari Mantra, which can be often called the Shodashi mantra. It is alleged to become equal to many of the 64 Chakras put collectively, coupled with their Mantras.

Therefore, the Shodashi mantra is chanted for making a single a lot more appealing and hypnotic in everyday life. This mantra can alter your daily life in times as this is a get more info really strong mantra. A person who may have mastered this mantra results in being like God Indra in his everyday living.

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥

The Sadhana of Tripura Sundari is usually a harmonious combination of seeking enjoyment and striving for liberation, reflecting the twin elements of her divine nature.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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